इंडस घाटी सभ्यता राजस्थान में
समयावधि:
लगभग 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू. तक
विश्व की प्राचीनतम नगरीय सभ्यताओं में से एक।
स्थान:
राजस्थान, पांजाब, सिंध (पाकिस्तान), और गुजरात के कुछ हिस्सों तक
पांजाब, सिंध (पाकिस्तान), और गुजरात के क्षेत्रों तक फैलती है।
प्रमुख स्थल:
कालीबंगा और बलाथल
कालीबंगा - राजस्थान में महत्वपूर्ण इंडस घाटी स्थल। बलाथल - एक और प्रमुख स्थल जिसमें पुरातात्विक खोज हुई।
नगरीय योजना:
उन्नत नगरों के साथ प्रगतिशील नाला प्रबंधन।
ग्रिड-जैसी सड़क योजना और संगठित इमारतें।
कृषि और अर्थव्यवस्था:
गेहूं, जौ और कपास की खेती।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संलग्न अर्थव्यवस्था।
शिल्प और वस्त्रादि:
मिट्टी के बने बर्तन, धातुओं का काम और मोती बनाने में कुशलता।
इंडस लिपि से संबंधित मुहरे, जिससे लिखित भाषा के अस्तित्व का संकेत मिलता है।
व्यापार और संपर्क:
मेसोपोटामिया और दूरस्थ क्षेत्रों के साथ व्यापार संपर्क के सबूत।
व्यापार सभ्यता के अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका।
पतन:
पतन के विषय में सटीक कारण अस्पष्ट हैं।
पतन के पीछे पर्यावरणीय कारक, जलवायु परिवर्तन या आक्रमण संबंधी कारण हो सकते हैं।
महत्व:
प्रारंभिक नगरीकरण और सामाजिक संरचनाओं के अन्दर अन्वेषण प्रदान करती है।
भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की महत्वपूर्ण अवधियों में से एक।
विरासत:
इंडस घाटी सभ्यता के अनेक अभ्यास और तत्व आज के भारतीय समाज में भी प्रतिधारित किए जा सकते हैं।
इंडस घाटी सभ्यता ने आधुनिक भारतीय संस्कृति और परंपराओं पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा है।
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